The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
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आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
Regardless of a single’s social status or authority, By reciting this, they attain purity and victory. Even those who are childless and craving for desires, Will definitely receive blessings from the grace of Lord Shiva.
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । more info जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
बृहस्पतिदेव की कथा
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी ॥ शंकर हो संकट के नाशन ।
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥